मैनेजर बोला- 'मैं आपको दो लाख रुपए वेतन, दो कार, दो फ्लैट दूँगा।
यह सुनकर युवक बोला- 'सर, आप मजाक तो नहीं कर रहे हैं?
मैनेजर ने कहा- 'श्रीमानजी, शुरुआत तो आपने ही की थी।
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पत्र लिखते-लिखते पतिदेव रुक गए और चिंतित मुद्रा में इधर-उधर देखने लगे। पत्नी ने उन्हें चिंतित देखकर पूछा- 'आप अचानक ही चिंतित क्यों हो उठे?
'अभी-अभी वह मेरी जुबान पर था... गायब हो गया। पति ने बताया।
'परेशान क्यों होते हो, जरा फिर सोचिए, वापस आ जाएगा। पत्नी बोली।
'कैसे वापस आएगा, वह लिफाफे पर लगाने का टिकट था। पति ने अफसोस से कहा।
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दो दोस्त स्कूल देर से पहुँचे तो टीचर ने उनसे कहा- 'विजय, तुम लेट क्यों आए?
विजय- 'मेरे पाँच रुपए रास्ते में गिर गए थे तो मैं उन्हें ढूँढ रहा था।
टीचर- 'और अजय तुम देर से क्यों आए?
अजय- 'क्योंकि मैं विजय के पाँच रुपए के ऊपर खड़ा था।
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जेलर (कैदी से)- 'तुम किस अपराध में जेल आए हो?
कैदी- 'सरकार से कॉम्पिटिशन हो गया था।
जेलर- 'किस बात का?
कैदी- 'नोट छापने का।
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दो मित्र आपस में बात कर रहे थे। एक मित्र ने कहा- 'यार, जब मैं सूट पहनकर
सब्जी लेने जाता हूँ तो दुकानदार मुझे महँगी सब्जी देता है और जब गंदे कपड़े पहनकर जाता हूँ तो सस्ती देता है।
दूसरे मित्र ने सुझाव दिया- 'यार तुम कटोरा लेकर जाया करो, मुफ्त में ही दे देगा।
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पति- 'मुन्ना रो रहा है, उसे चुप कराओ।
पत्नी- 'तुम ही चुप करा दो, मैं इसे दहेज में नहीं लाई थी।
पति- 'मैं भी इसे बारात में नहीं ले गया था।
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एक शराबी अखबार पढ़ रहा था। अचानक उसे लगा कि वह चश्मा लगाना भूल गया
है। उसने घर में चश्मा ढूँढना शुरू किया। उसकी नजर घर के आईने पर पड़ी। वह
चिल्लाकर पत्नी से बोला- 'मेरा चश्मा किसने आईने पर चिपका रखा है।
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रीना अपनी सहेली से- 'क्या बात है तुम्हारे भैया दिन-ब-दिन गोरे होते जा रहे हैं?
सहेली- 'दरअसल बात यह है कि पहले मेरे भैया कोयले की दुकान चलाते थे, लेकिन आजकल उन्होंने आटा चक्की लगा ली है।
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भिखारी कौन...
एक भिखारी ने ट्रेन में खड़े सज्जन से कहा- 'भगवान के नाम पर पैसा दे दे बाबा।
सज्जन- 'छुट्टे नहीं हैं।
भिखारी- 'कितने के छुट्टे चाहिए, पाँच सौ के या सौ रुपए के।
सज्जन बोले- 'अरे, यदि पाँच सौ रुपए के छुट्टे तेरे पास हैं तो भिखारी कौन है।
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एक बच्चा दौडा-दौडा घर आया और अपने दार्शनिक मुद्रा में रहने वाले पिता से
बोला- 'पिताजी, मुझे वह गाली देता है।
पिता (सोचते हुए)- 'बेटा, कुछ देता ही है न, लेता तो नहीं।
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एक महाकंजूस रुपया बचाने के चक्कर में अपने घर की छत की मरम्मत खुद ही करने
लगा। अनुभवहीनता के कारण वह छत से फिसल गया। जब वह नीचे गिर रहा था तो
बीच में रसोईघर की खिड़की पड़ी। उसे देखकर उसने जोर से चिल्लाते हुए अपनी पत्नी
से कहा- 'आज मेरे लिए खानामत पकाना।
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प्रवीण (एकवचन और बहुवचन में अंतर पूछते हुए)- 'बताओ रमेश, पजामा एकवचन
है या बहुवचन।
रमेश- 'पजामा ऊपर से एकवचन और नीचे से बहुवचन है।
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एक लेखक ने अपनी पुस्तक पत्नी को समपत करते हुए लिखा- 'अपनी पत्नी को,
जिसकी अनुपस्थिति के कारण ही यह पुस्तक लिखी जा सकी।
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माँ ने गुस्से से भरकर कहा- 'तुम्हें वह मद्रासी लिंगास्वामी चूम रहा था और तुम चुप खड़ी यह सब सहती रहीं, उसे मना क्यों नहीं किया?
'दरअसल, मैं समझ नहीं पा रही थी कि कैसे मना करूं, क्योंकि मैं तो मद्रासी भाषा जानती नहीं - बेटी ने जवाब दिया।
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एक आशिक मिजाज सौदागर जब माल की खरीददारी के दौरे से बहुत दिनों तक न लौटा और पत्नी को हर पत्र में यही लिखता रहा कि बडे जोर-शोर से खरीददारी कर रहा हूं, इसलिए जल्दी नहीं लौट सकता,
पत्नी ने तंग आकर उसे तार भेजा, जिसमें लिखा था- 'तुरंत लौटो, नहीं तो आप वहां खरीद रहे हैं, मैं यहां बेचना शुरू कर दूंगी।
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संता सिंह (प्रीतो से)- जानती हो, जितनी देर में मैं एक सांस लेता हूं,
उतनी देर में देश में एक नया बच्चा जन्म लेता है।
प्रीतो (आश्चर्य से)- हाय राम, तब तुम अपनी यह हरकत छोड़ क्यों नहीं देते?
देश की आबादी पहले से ही इतनी बढी हुई है।
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एक रात को संतासिंह सो रहे थे कि एक मच्छर उनके कान के पास आया और गुनगुन करने
लगा। इससे संतासिंह की नींद खुल गई। फिर जैसे ही वो सोने की कोशिश करते मच्छर उनके
कान के पास आवाज करने लगता। संतासिंह को बहुत गुस्सा आया और उन्होंने मच्छर को पकड़
लिया। मच्छर मर गया लेकिन उसमें से खून नहीं निकला। संतासिंह बोले- सो जा मच्छर बेटे, सो
जा।
थोडी देर बाद उन्हें लगा कि मच्छर गहरी नींद में सो चुका है तो वे उसके पास गए और उसके
कान के पास जाकर बोले- 'गुननननन-गुनननन।
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एक द्वीप पर तीन आदमी फंसे हुए थे। उनमें एक मुस्लिम था, एक हिंदू और संतासिंह । तीनों
इसी सोच में थे कि 100 मील तक तैरकर घर तक कैसे पहुंचा जाए। मुस्लिम ने हिम्मत दिखाई
और तैरता हुआ 50 मील का रास्ता पार कर लिया। लेकिन थकने के कारण वो डूब गया।
अब हिंदू ने सोचा कि चलो एक बार कोशिश करके देख लूं। वो भी करीब 75 मील तक तैरकर
डूब गया। दोनों के जाने के बाद संतासिंह बच गए। उन्होंने सोचा अब मैं अकेला यहां क्या
करूंगा मैं भी हिम्मत कर ही लूं।
ये सोचकर उन्होंने पानी में छलांग लगा दी। 50 मील तैरने के बाद उन्हें लगा कि अब मैं थक
गया हूं आगे बढूंगा तो डूब जाऊंगा ये सोचकर संतासिंह वापस द्वीप पर चले गए।
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एक शेखीखोर अमेरिकन जब भारत आया तो यहाँ के दर्शनीय स्थल देखने पहुँचा। ताज की भव्यता देखी तो उसने गाइड से पूछा- 'इसे बनाने में कितना समय लगा था?
गाइड ने जवाब दिया- 'बीस बरस!
अमेरिकन बोला- 'बीस बरस सुस्ती के कारण लगे होंगे। हमारे यहाँ तो यह चीज चार साल में तैयार हो जाती।
जब ये लोग लाल किले पर पहुँचे तो वहाँ भी उसने यही प्रश्न पूछा। गाइड के जवाब पर उसने दंभ से कहा- 'हमारे यहाँ तो यह चीज पाँच साल में बनकर खड़ी हो जाती।
गाइड यह सुनकर चिढ रहा था। उबल रहा था। जब अमेरिकी पर्यटक के साथ अगले दिन वह कुतुब मीनार पर पहुँचा तो पर्यटक ने पूछा- 'यह इतना ऊँचा टॉवर क्या चीज है?
गाइड ने शान से सीना तानकर कहा- पता नहीं हुजूर, यह क्या है? परसों शाम जब मैं इधर से निकला था, यहाँ कुछ भी नहीं था। सपाट मैदान था यहाँ पर, आपकी कसम!
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ज्योतिषी : बच्चा, शनि तेरा सर्वनाश करने वाला है। यदि तू सौ रूपए
देगा, तो उपाय निकाल दूँगा।
चंदूजी :महाराज, सौ नहीं हैं।
ज्योतिषी : तो मैं सस्ता जाप करा दूँगा,
पच्चीस रूपए ही दे दो।
चंदूजी : नहीं है, महाराज।
ज्योतिषी: अच्छा, चल घर पर चाय-नाश्ता ही करा देना।
चंदू जी : घर नहीं है महाराज। मैं तो फुटपाथ पर रहता हूँ।
ज्योतिषी : ओहो! तब तो जा बच्चा और मौज कर। शनि तेरा कुछ भी
नहीं बिगाड सकता।
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ब्रह्माजी ने ब्रह्माण्ड की रचना की। फिर आराम किया इसके बाद उन्होंने पुरुष को बनाया। फिर आराम किया। इसके बाद उन्होंने नारी की रचना की।
और बस। तबसे न ब्रह्माजी को आराम है, न पुरुष को।
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जु के किनारे कॉलेज की दो लडकियाँ आपस में बातें कर रही थीं।
पहली ने दूसरी से पूछा, ''पता नहीं लड़के अकेले में कैसी-कैसी बातें
किया करते हैं?
दूसरी- 'इसी तरह की जैसी हम करती हैं और कैसी?
पहली-'सच ?
दूसरी-'तो और क्या ?
पहली-'हाय राम। ये लड़के कितने बेशर्म होते हैं।
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हमारे एक प्रोफेसर मित्र हैं जो बहुत भावुक हैं। वे हिन्दी पढ़ाते हैं और
उनकी एक खास आदत है कि वे किसी नवयुवती के नमस्कार का उत्तर
नहीं देते, चुपचाप आगे बढ़ लेते हैं। एक दिन उनके साथ जा रहा था।
रास्ते में कॉलेज की एक लड़की ने उन्हें नमस्कार किया। आदत के
मुताबिक उन्होंने कोई उत्तर नहीं दिया। लड़की ने आखिर साहस करके
पूछ ही लिया, ''सर आप नमस्ते का जवाब क्यों नहीं देते ? ''प्रोफेसर ने
उत्तर दिया-'' दस साल पहले एक नमस्ते का जवाब दिया था। आज
तक भुगत रहा हूँ। पाँच बच्चे हैं, रोज सुबह उठकर उन्हें नमस्कार करना
पड़ता है।
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एक युवक को लन्दन में ऐसी चमत्कारी गोलियाँ मिलीं, जिसके सेवन से
मनुष्य की उम्र कम हो जाती थी। उसने उन गोलियों का सेवन किया और
एक शीशी भरकर अपनी माँ के पास हिन्दुस्तान भिजवा दी, इस आशा से
कि इनके सेवन से वह भी युवती दिखने लगेगी।
कुछ महीनों बाद जब वह लौटकर हिन्दुस्तान आया तो उसने अपनी माँ
को तो पहचान लिया, पर अपनी माँ की गोद में लेटे हुए बालक को न
पहचान सका। कौतूहलवश उसने माँ से पूछा, ''माँ तेरी गोद में कौन-सो
रहा है?
बेटे, ये तेरे बाप हैं-इन्होंने दस गोलियाँ खा ली थीं।
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चीकूजी ने जासूस की नौकरी के लिए अर्जी दी थी। दूसरे उम्मीदवारों के साथ-साथ इन्हें भी कंपनी ने इंटरव्यू के लिए बुलाया था। वहाँ पहुँचने पर सभी उम्मीदवारों को एक-एक सीलबंद लिफाफा देकर कहा गया कि इसे चौथी मंजिल पर ले जाएँ।
सब तो चले गए। पर चीकूजी उस लिफाफे को लेकर बाथरूम में घुस गए। बहुत सावधानी से जब उन्होंने लिफाफा खोल लिया तो अंदर से एक कागज निकल आया। जिस पर लिखा था हमें आप जैसे की ही तलाश थी। पाँचवीं मंजिल पर आकर नियुक्ति पत्र ले लीजिए।
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खबरदार!
सिनेमा हॉल में दो औरतें इतनी जोर से बातें कर रही थीं कि पास बैठा दर्शक खीझकर बोल ही पड़ा- 'देखिए ! आपकी बातचीत में
मुझे कुछ भी सुनाई नहीं दे रहा।
उनमें से एक ने तपाक से कहा- 'हम तुम्हें सुना भी नहीं रहे, मिस्टर ! हमारी बातचीत एकदम प्रायवेट है।
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बस में भीडभाड थी।
धक्का-मुक्की से तंग आकर एक युवती ने अपनी खीझ पाँच बच्चों वाली एक बुजुर्ग महिला पर निकाली-
'ओ चाची! अपनी चिल्लर को ठीक से क्यों नहीं सँभालतीं ?
बड़ी महिला ने शांति से कहा-
'सँभाल लूँगी भतीजी! पर....हाँ, लगता है, अभी तुमने अपना रुपया नहीं तुड़वाया! क्यों ?
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क्या इस बार आप मेरे साथ डांस करेंगी? एक नवयुवक ने पूछा।
'मुझे खेद है मैं एक बच्चे के साथ डांस नहीं कर सकती। घमंडी युवती ने उत्तर दिया।
'ओह ! माफ करें, मुझे आपकी हालत का पता न था।
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अंधेरे में एक आदमी सहमा सा खड़ा था। तभी आ गया एक कडक हवलदार। पूछने लगा-
'क्यों ? क्या नाम है तेरा ?
'जी शेरसिंह!
'बाप का नाम ?
'दिलेरसिंह!
'दादा का नाम?
'शमशेरसिंह!
'यहाँ क्यों खड़े हो?
'देखते नहीं, सामने कुत्ते का पिल्ला घूम रहा है। अगर उसने मुझे देख लिया तो ?
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दफ्तर में दो दोस्त बतिया रहे थे।
पहला- अच्छा हुआ कि 'पाँच दिन काम, दो दिन आराम का सिध्दांत, पश्चिम से हमने ले लिया, वरना दफ्तर में काम कर करके कमर टूट जाती।
दूसरा- चाहे इसे पश्चिम का सिध्दांत कह लो, लेकिन भाई, इस सिध्दांत पर चलकर सुखी जीवन जीने का उदाहरण हमारे महाभारतकाल में पहले से मौजूद है।
पहला- क्या कहते हो ?
दूसरा- ठीक कह रहा हूँ। द्रोपदी का गृहस्थ जीवन याद करो।
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चंदूजी बात-बात में बस यह बात बोलते थे- 'इससे भी बुरा हो सकता था।
एक बार उनका एक दोस्त घबराया हुआ आया और बोला- चंदू! आज तो गजब हो गया। मैंने अपनी बीवी को पड़ोसी के साथ रोमांस करते देख लिया, तो दोनों का खून कर दिया...!
चंदूजी ने अपना परिचित वाक्य दोहराया- 'दोस्त इससे भी बुरा हो सकता था।
दोस्त जल-भुनकर बोला- 'हद है यार- मेरे हाथों दो का खून हुआ, पुलिस मेरे पीछे लगी है। मैं भागता फिर रहा हूँ....! तुम्हीं कहो, इससे भी बुरा और क्या हो सकता था?
चंदूजी ने कहा- 'अगर तुम एक घंटा पहले घर पहुँचते तो बजाय पड़ोसी के मैं मारा जाता।
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सेल्समैन- 'सुना है, आप मक्खियों से परेशान हैं। हमारी दवा ' टरमपम्पम् आजमाइए।
तुरंत राहत पाएँगे।
पन्नूजी- 'क्या यह दवा गजब की मक्खीमारक है?
सेल्समैन- 'मक्खीमारक नहीं, गजब की उत्तेजना कारक है।
पन्नूजी- 'मतलब?
सेल्समैन- 'दवा मक्खियों को इतना सेक्सी बना देती है कि आप आसानी से दो मक्खियाँ एक साथ मार सकते हैं।
धन्यवाद